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एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम हुआ संपन्न*,

रिपोर्ट - राजकुमार 
कौशाम्बी : बृहस्पतिवार को ग्राम शेखपुर ससूलपुर पंचायत में उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग द्वारा फल पट्टी फल पट्टी विकास योजना अंतर्गत कृषक प्रशिक्षण कार्यक्रम के तहत किसान गोष्ठी का आयोजन किया गया, कार्यक्रम के मुख्य अतिथि जिला उद्यान अधिकारी सुरेन्द्र राम भाष्कर व मुख्य उद्यान विशेषज्ञ एवं औद्यानिक प्रयोग एवं प्रशिक्षण केन्द्र खुशरोबाग प्रयागराज रहे।
इस दौरान उन्होंने कहा कि दो सालों से हमारा विश्व प्रसिद्ध अमरूद्ध का फल’ उत्पादन में बहुत गिरावट आई है, जिसकी वजह किसानों की आमदनी न के बराबर हुई। इसकी मुख्य वजह बाग बगीचे कट रहे हैं। ऐसी स्थिति को देखते हुए सरकार ने किसानों को प्रशिक्षित करने के लिए एकीकृत बागवानी विकास मिशन योजना अन्तर्गत गांव गांव किसानों के बाग में स्वयं जाकर उद्यान विभाग किसान गोष्ठी कर किसानो को प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है।  प्रशिक्षण कार्यक्रम के तकनीकी सत्र में डा. कृष्ण मोहन चौधरी, मुख्य उद्यान विशेषज्ञ द्वारा अमरूद की वैज्ञानिक खेती, परिपक्वता एवं निर्यात विषय पर जानकारी देते हुए बताया गया कि अमरूद फसल बहार नियन्त्रण किये जाने से शरद ऋतु की फसल अच्छी प्राप्त होती है। शरद ऋतु की गुणवत्ता पूर्ण फसल प्राप्त करने के लिए अमरूद में लगने वाले फल मक्खी कीट का जैविक एवं प्रभावी नियन्त्रण फोरोमोन्स ट्रेप के माध्यम से किया जाना लाभाकारी है। इस तकनीकी में लगभग एक हे. क्षेत्रफल में प्रारम्भ में 5 फोरोमोन्स ट्रेप लगाकर निगरानी की जाती है तथा कीट की अधिक संख्या होने पर प्रति हे. लगभग 15 फोरोमोन्स ट्रेप की आवश्यकता पड़ती है। इस प्रक्रिया से फल मक्खी का नर कीट उपकरण पर फस जाता हैए जिससे इन कीटों की संख्या बढ़ने नहीं बड सकता,
जिला उद्यान अधिकारी सुरेन्द्र राम भाष्कर द्वारा जनपद में चल रही विभागीय योजनाओं की जानकारी देते हुए बताया गया कि आम, अमरूद, पपीता एवं टिश्यूकल्चर केला की बागवानी पर प्रथम वर्ष लगभग 40 प्रतिशत अनुदान दिया जाता है। इसके अलावा प्रधानमन्त्री कृषि सिंचाई योजना अन्तर्गत लघु एवं सीमान्त कृषकों को 90 प्रतिशत तथा सामान्य कृषकों को 80 प्रतिशत का अनुदान विभाग द्वारा डी०डी०टी० के माध्यम सीधे कृषकों के खाते भेजा जाता है। उद्यान विभाग द्वारा संकर सब्जी उत्पादन, प्रधानमन्त्री सूक्ष्म खाद्य उद्योग उन्नयन योजना मसाला उत्पादन, मधुमक्खी एवं मशरूम उत्पादन के साथ.साथ गंगा के तलहटी क्षेत्र के औद्यानिक विकास हेतु नमामि गंगे योजना जनपद में संचालित की जा रही है।उपरोक्त के अलावा उद्यान विशेषज्ञ के रूप में डा. सत्यसरण तिवारी, विजय किशोर सिंह आदि द्वारा अपने अनुभवों से किसानों को जानकारी दी गयी !

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