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एडीजी प्रेम प्रकाश की बेहतरीन कार्यशैली बनी चर्चा का विषय, रोजाना करते हैं जोन कार्यालय पर जनसुनवाई...

ब्यूरो रिपोर्ट-सुरेश सिंह

प्रयागराज : जनपद में एडीजी जोन प्रेम प्रकाश ने पुलिसिंग व्यवस्था में सुधार लाने के लिए नित्य नए नए कदम उठाते रहते हैं, एडीजी प्रेम प्रकाश ने जब से जोन की कमान संभाली है तब से बेलगाम, लापरवाह पुलिसकर्मियों का दिमाग दुरुस्त हो गया है वहीं गुंडे माफिया जोन से दूर भाग रहे हैं या उन्हें सलाखों के पीछे भेजवा दिया है, पीड़ितों, मजलूमों, गरीबों को अब एडीजी जोन का दरबार ही न्याय का मंदिर दिखाई देता है, प्रयागराज के अन्य पुलिस के अधिकारियों से ज्यादा एडीजी जोन प्रेम प्रकाश की जनसुनवाई कार्यक्रम में लोगों की भीड़ देखी जा रही है, एडीजी साहब के अथक प्रयासों से जोन की जनता अपने को सुरक्षित महसूस कर रही है ।

जानकारी के लिए आपको बतादें कि एडीजी जोन प्रेम प्रकाश अपनी बेहतरीन कार्यशैली और शक्ति के लिए भी जाने जाते हैं, एडीजी प्रेम प्रकाश मूलतः दिल्ली के रहने वाले हैं साथ ही वह 1993 बैच के आईपीएसी अफसर हैं, बीटेक करने के बाद पुलिस मैनेजमेंट में भी मास्टर इन डिप्लोमा का कोर्स कर चुके हैं, प्रेम प्रकाश आगरा, मुरादाबाद, एनसीआर समेत कई जिलों में कप्तान भी रह चुके हैं इसके अलावा प्रेम प्रकाश ने 12 जुलाई 2009 को राजधानी लखनऊ में डीआईजी का चार्ज संभाला था, लखनऊ में प्रेम प्रकाश की कप्तानी के दौरान उत्तर प्रदेश में कांग्रेस की तत्कालीन अध्यक्षा रीता बहुगुणा जोशी का घर फूंकने और ठाकुरगंज इलाके में तिहरे हत्याकांड के साथ लाखों की डकैती हुई थी, पुलिस ने डकैत को मुठभेड़ में मार गिराने के साथ अन्य की धरपकड़ की थी, यहीं नहीं प्रेम प्रकाश ने पुलिस कर्मियों को ड्यूटी पर मुस्तैद रखने के लिए थानों में घंटे टंगवाए और संतरी को जेल की तर्ज पर हर घंटे इन्हें बजाने का आदेश जारी किया था, राइफल कोने में रखकर सुस्ताने वाले पुलिसकर्मी घंटा बजाने की चिंता में सतर्क रहते थे, क्योंकि प्रेम प्रकाश खुद और उनके मुखबिर घंटों की आवाज सुनने के लिए थानों के आस पास चक्कर काटते रहते थे, बताते चलें कि तेजतर्रार और नियमों का सख्ती से पालन कराने वाले एडीजी प्रेम प्रकाश ने साल 2019 में सीएए और एनआरसी के दंगों के दौरान कानपुर में बड़ी जिम्मेदारी निभाई थी, एक बार फिर वो मुख्तार अंसारी को यूपी के बांदा जेल तक लाए जाने की जिम्मेदारी को लेकर चर्चा में छाये रहे, इन दिनों वह प्रयागराज में एडीजी जोन का दायित्व निभाते हुए रोजाना जनसुनवाई करते हैं ।

उनके कार्यालय पर जनसनवाई में आने वाले फरियादियों को उचित न्याय दिलाने में उनकी अहम भूमिका रहती है उनके दरबार में गया हुआ फरियादी पूरी तरह से संतुष्ट होकर वापस लौटता है, संगम में कुंभ मेला से लेकर करैली दंगों तक, कोरोना काल से लेकर हर बड़ी चुनौतियों को एडीजी जोन प्रेम प्रकाश ने अपनी बेहतरीन पुलिसिंग से स्तिथि को संभालने का काम किया है, वहीं जोन के लोगों का कहना है कि ऐसे आईपीएस अधिकारियों की देश और जनता को जरूरत है ऐसे ही आईपीएस अधिकारी देश और समाज के सच्चे सेवक है हमें प्रेम प्रकाश जी पर गर्व है ।

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