रिपोर्ट-उमेश चंद्र
कौशाम्बी : जनपद के सिराथू क्षेत्र में स्थित केपीएस स्कूल में 14 अप्रैल 2023 के दिन डाॅक्टर भीमराव अम्बेडकर जयंती पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया, इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि ने बाबा साहब भीमराव अम्बेडकर और माँ सरस्वती की प्रतिमा पर माल्यपर्ण एवं दीप प्रज्ज्वलित करके कार्कायक्रम का शुभारंभ किया, जिसके बाद मुख्य अतिथि ने वहां मौजूद लोगों को सम्बोधित करते हुए कहा कि बाबा साहब भीमराव अम्बेडकर ने अपने जीवन में सदैव चुनौतीपूर्ण कार्य किया है, इन्ही चुनौतियों में एक चुनौती थी भारतीय संविधान के निर्माण का कार्य, बाबा साहब जब संविधान सभा में सदस्य के रूप में निर्वाचित होने की प्रक्रिया में बम्बई से चुनाव हार जाते है तो फिर वह बंगला देश से अपनी उम्मीवारी घोषित करते है वहाँ मुस्लिम लीेग के सहयोग से वह चुनाव जीत जातें हैं, मगर 1947 में जब देश आजाद होता है तो बंगाल पकिस्तान के हिस्से पूर्वी पाकिस्तान के रूप में चला जाता है बाद के दिनों में बाबा साहब भीमराव अम्बेडकर को वीएन राव के स्थान पर निर्वाचित होके संविधान सभा में प्रारूप समिति के अध्यक्ष के रूप में पहुँचतें है, आज हम लोग बाबा साहब भीमराव अम्बेडकर की 132 वी जयंती के अवसर पर हम सभी का कर्तव्य बनता है, कि हम बाबा साहब की दी हुई शिक्षओं को आत्मसात करे और उनके अनुसार अपने जीवन को सवारने का कार्य करें, जिससे हम अपने साथ साथ अपने समाज को भी सही दिशा दिखा सके, उन्होंने आगे कहा कि हमें संविधान के मायने समझना होगा यदि हम बाबा सहाब भीमराव अम्बेडकर को संविधान में ही खोजेंगे तो श्याद हम पूरे बाबा सहब को नहीं पायेगें, इसलिए हमें बाबा साहब भीमराव अम्बेडकर को शोषित तबकों, गरीबों, बंचितों में खोजना होगा, हमें बााब साहब भीमराव अम्बेडकर को उनके सघर्षो के जरिए समाज के प्रति किये योगदान को याद रखना होगा, कार्यक्रम के बाद बाबा साहब की एक रथ यात्रा सिराथू से सैनी तक निकाली गई जिसमें सैकड़ों लोगों ने भ्रमण किया ।
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