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बंजर भूमि पर हो रही अवैध प्लाटिंग, चायल तहसील के जिम्मेदारों ने बीस लाख में किया बंदरबांट...

रिपोर्ट-जैगम हलीम

कौशाम्बी : जनपद में बीते दिनों आबादी जमीनी विवाद के चलते मनबढ़ भूमाफियाओं ने तिहरे हत्याकांड को अंजाम दिया था, मामला शांत नही हुआ कि दूसरा कांड देवरिया जिले में हो गया दोनों मामलो में राजस्व के कर्मचारियों और पुलिस की लापरवाही सामने आई है जो प्रकाश में आने पर चकबंदी समेत पुलिस के जिम्मेदारों को निलंबित कर दिया गया, ऐसी संवेदनशील घटनाएं होने के बावजूद भी चायल तहसील के अधिकारी मनमानी पर उतारू हुआ फिर से इन्हीं घटनाओं को दोहराना चाहते हैं, चायल तहसील के उजिहनी खालसा ग्राम पंचायत का मजरा भमका में  गाटा संख्या 517 में लगभग 33 बीघा भूमि दर्ज है जिसमे भूखंड नाला, चकरोड दर्ज है, राजस्व विभाग और स्थानीय पुलिस की मिली भगत के चलते उसी भूमि पर एक भूमाफिया ने अवैध कब्जा करके प्लाटिंग करना शुरू कर दिया है, इसी मामले में राजस्व परिषद ने सुनवाई करते हुए फर्जी तरीके से बनाये गये भू-स्वामियों का नाम निरस्त करने के आदेश तहसील प्रशासन चायल को जारी किए हैं लेकिन इसके बावजूद भी भू-माफियाओं द्वारा भूमि पर अवैध प्लाटिंग का काम किया जा रहा है स्थानीय लेखपाल का कहना है कि बार बार मामले में तहसीलदार द्वारा उसे ही अकेले भेजा जाता है मेरे ऊपर के कई बड़े अधिकारियों ने भू-माफिया से 20 लाख रुपए ले लिया है ।

जिससे वह उसे पर कोई कार्यवाही करने को तैयार नहीं है लेखपाल के द्वारा बताई गई एक ऑडियो रिकॉर्डिंग भी वायरल हुई है जिसमें हल्का लेखपाल ने बताया कि 20 लाख रुपए में सौदा किया गया है, इससे साफ जाहिर हो रहा है कि तहसील के जिम्मेदार अधिकारी और स्थानीय पुलिस फिर से जिहरे हत्याकांड और देवरिया जैसी वारदात को जन्म देना चाहती हैं, अवैध प्लाटिंग की खबर प्रकाशित करने पर इससे पहले भी एक पत्रकार का भूमाफिया द्वारा अपहरण किया जा चुका है जिसमें दर्ज मामला दर्ज होने के बाबत भी पुलिस की मिली भगत से आरोपी की अभी तक गिरफ्तारी नहीं की गई है, कई बार तहसील से लेकर जिले तक पूर्व प्रधान और सैकड़ो ग्रामीणों ने धरना प्रदर्शन भी किया लेकिन जिम्मेदार के कान में जू तक नहीं रेंग रही है ।

जिम्मेदारों के लापरवाही और घूसखोरी के चलते इस भूमि पर खूनी संघर्ष हो सकता है समय रहते अगर जिला प्रशासन ने कोई सख्त कदम नहीं उठाया तो मनबढ़ भूमाफिया किसी भी तरह की घटना को अंजाम देने में कोई कोर कसर नही छोड़ेगा, क्योंकि भूमाफिया का नाम भी माफिया अतीक के गुर्गों के साथ आया करता था भूमाफिया ने इसी तरह कई जगह अवैध प्लाटिंग और करोड़ों की चल अचल संपत्ति अतीक गैंग के सम्पर्क में आकर बना रखी है, ऐसे अवैध प्लाटरों की अगर जांच कराई जाए तो इनकी अवैध कमाई का काला चेहरा सामने आना तय है ।

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