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मिशन वात्सल्य एवं मिशन शक्ति के प्रभावी क्रियान्वयन हेतु संपन्न हुई मंडल स्तरीय कार्यशाला...

रिपोर्ट- ईश्वर दीन साहू


प्रयागराज : मण्डलायुक्त श्री विजय विश्वास पन्त की अध्यक्षता में गुरूवार को गाँधी सभागार में महिला एवं बच्चे को सुरक्षित एवं सशक्त बनाने के उद्देश्य से भारत सरकार द्वारा शुरू की गई मिशन वात्सल्य एवं मिशन शक्ति योजना के प्रभावी क्रियान्वयन हेतु मंडल स्तरीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। मण्डलायुक्त ने दीप प्रज्ज्वलन कर कार्यक्रम का शुभारम्भ किया। आयोजित कार्यशाला में निदेशक महिला कल्याण श्रीमती संदीप कौर, जिलाधिकारी फतेहपुर सुश्री सी0 इन्दुमती, जिलाधिकारी कौशाम्बी श्री सुजीत कुमार ने ऑनलाइन माध्यम से प्रतिभाग किया। इसके अतिरिक्त मुख्य विकास अधिकारी फतेहपुर श्री सूरज पटेल, मुख्य विकास अधिकारी प्रतापगढ़ श्री नवनीत सेहरा, मुख्य विकास अधिकारी प्रयागराज श्री गौरव कुमार, मुख्य विकास अधिकारी कौशाम्बी श्री रवि किशोर त्रिवेदी, यूनिसेफ उत्तर प्रदेश की चीफ ऑफ फील्ड ऑफिस डॉ0 जकारी एडम, यूनिसेफ के बाल संरक्षण विशेषज्ञ श्री मंसूर कादरी, मुख्यालय महिला एवं बाल विकास विभाग से राज्य सलाहकार श्री जावेद अंसारी व श्रीमती पल्लवी राय, मण्डलीय बाल संरक्षण सलाहकार श्री शैलेश प्रताप सिंह, विभिन्न विभागों के मण्डलीय एवं जिला स्तरीय अधिकारियों ने प्रतिभाग किया। उक्त कार्यशाला में उप निदेशक महिला कल्याण, चित्रकूट धाम मण्डल श्रीपुष्पेन्द्र सिंह, श्री ओंकार नाथ तिवारी एवं श्रीमती माला भंडारी रिसोर्स पर्सन के तौर पर आमंत्रित थे। प्रदेश के महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा प्रत्येक मंडल में ऐसी कार्यशालायें आगामी 2 माह में आयोजित की जानी है। इन कार्यशालाओं का मुख्य उद्देश्य मंडल एवं जनपद स्तर पर कार्यरत् विभिन्न विभागों के अधिकारियों व कार्मिकों के मध्य मिशन वात्सल्य और मिशन शक्ति योजनाओं के क्रियान्वयन पर समझ विकसित करना तथा विभागों के मध्य कन्वर्जेंस् को बढ़ावा देना है। कार्यशाला में प्रतिभागियों को मिशन वात्सल्य के अंतर्गत संस्थागत देखरेख, गैर संस्थागत देखरेख व कन्वर्जेंस आवश्यकताओं और धटकों तथा मिशन शक्ति योजना के अंतर्गत उपयोजनाओं संबल और सामथ्र्य के मुख्य घटकों और के बारे में संवेदित किया गया। साथ ही मिशन वात्सल्य और मिशन शक्ति से संबंधित मंडल स्तरीय कार्ययोजना का निर्माण किया गया। मण्डलायुक्त श्री विजय विश्वास पन्त ने कार्यशाला में उपस्थित लोगो को सम्बोधित करते हुए कहा कि मा0 मुख्यमंत्री जी के निर्देश के क्रम में मिशन शक्ति कार्यशाला का आयोजन हो रहा है। उन्होंने कहा कि किसी देश व प्रदेश का विकास तब तक सम्भव नहीं हो सकता है जबतक देश की आधी आबादी (महिलाएं) शिक्षित न हो। महिलाओं का शिक्षित होना जरूरी है, इसके लिए शिक्षा विभाग को महत्वपूर्ण भूमिका निभाना होगा। उन्होंने कहा कि पहले पुरूषों के मुकाबले महिलाओं की शिक्षा पर कम ध्यान दिया जाता था, परंतु समय बदलने के साथ ही आज महिलाओं के शिक्षा के प्रति भी लोगो की सोच बदली है। मण्डलायुक्त ने कहा कि प्रदेश सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है महिला सुरक्षा। प्रदेश सरकार ने महिलाओं की सुरक्षा के लिए ठोस कदम उठाये है। उन्होंने कहा कि महिलाओं की स्वास्थ्य, शिक्षा व सुरक्षा के लिए सभी घटकों को मिलकर काम करना होगा। कहा कि कोई भी देश तब तक विकास नहीं कर सकता है जबतक उस देश में महिलाओं की बराबर भागीदारी न हो। मण्डलायुक्त ने जनपद के सभी मुख्य विकास अधिकारियों को ऐसे पात्र बच्चे जिनके माता-पिता में से एक या दोनों की मौत हो चुकी है, ऐसे अनाथ बच्चों को मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना से लाभान्वित कराये जाने के लिए कहा है। उन्होंने सभी मुख्य चिकित्साधिकारी से कहा कि उन्हें यह जिम्मेदारी लेनी चाहिए कि सभी बच्चों का टीकाकरण हो व गर्भवती महिलाओं का सुरक्षित प्रसव हो। उन्होंने कार्यशाला में प्रस्तुत महिलाओं एवं बच्चों की स्थिति से सम्बंधित सूचकांकों के आधार पर कार्य करने हेतु सुधार करने के लिए विभिन्न जनपद स्तरीय अधिकारियों को निर्देशित किया। उन्होंने कहा कि बाल संरक्षण एवं महिला सशक्तिकरण के विषय पर समस्त सम्बंधित विभाग आपसी समन्वय बेहतर बनाये, जिससे कि प्रभावी परिणाम प्राप्त हो सकें।
कार्यशाला में जिलाधिकारी फतेहपुर सुश्री सी0 इन्दुमती ने मिशन शक्ति कार्यक्रम के बारे में विस्तार से बात की एवं बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ एवं कन्या सुमंगला के प्रचार-प्रसार बी0सी0सखी द्वारा कराने की बात कही। जिलाधिकारी कौशाम्बी श्री सुजीत कुमार ने बताया  कि मण्डल में बाल देखरेख संस्थाओं ने स्वीकृत क्षमता के सापेक्ष अधिक बच्चों के आवासित होने की समस्या के निदान हेतु जनपद कौशाम्बी में एक राजकीय संप्रेक्षण गृह संचालित किये जाने हेतु भूमि का चिन्हांकन कर लिया है। जनपद में जिला बाल कल्याण एवं संरक्षण समिति की त्रैमासिक बैठक नियमित रूप से की जा रही है और ब्लॉक तथा ग्राम पंचायत स्तर पर गठित बाल कल्याण एवं संरक्षण समिति गठन करते हुए इन समितियों की त्रैमासिक बैठक करायी जा रही है। निदेशक महिला कल्याण श्रीमती संदीप कौर द्वारा कहा गया कि हमने जनपदों की आवश्यकताओं को देखते हुये प्रत्येक मंडल स्तर पर बच्चों व महिलाओं की विभिन्न श्रेणियों के से संबंधित गृहों के संचालन की योजना बनाई है। साथ ही गैर संस्थागत देखरेख को बढ़ावा देने के उद्देश्य से विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किये गये हैं जिसमें जरूरत मंद बच्चों को 4000 रू0 प्रतिमाह दिये जाने का प्रावधान है। विभाग द्वारा चाइल्ड हेल्प लाइन को 112 के साथ इंटीग्रेट करते हुए एवं 181 को वन स्टॉप सेण्टर के माध्यम से चलाये जाने की बात कही।यूनिसेफ उत्तर प्रदेश की चीफ ऑफ फील्ड ऑफिस डॉ0 जकारी एडम ने इस प्रकार की कार्यशालाओं की प्रशंसा करते हुए विभिन्न विभागों के साथ समन्वय की आवश्यकता पर बल दिया। साथ ही साथ उन्होंने विभिन्न विभागों के अधिकारियों की क्षमातावृद्धि पर बल दिया जिससे कि मिशन वात्सल्य एवं मिशन शक्ति के लक्ष्य को प्राप्त किया जा सके। यूनिसेफ के बाल संरक्षण विशेषज्ञ सैयद मंसूर उमर कादरी ने बच्चों एवं महिलाओं से सम्बंधित समस्याओं के समाधान हेतु विभिन्न विभागों की भूमिका पर प्रकाश डाला। उन्होंने पंचायती राज विभाग की व्यवस्था के अंतर्गत बाल हितैषी ग्राम पंचायत, ग्राम पंचायत विकास योजना एवं बाल व महिला सभा से सम्बंधित प्रयासों पर सघनता के साथ समन्वय की आवश्यकता पर जोर दिया, जिससे कि सतत विकास लक्ष्यों को प्राप्त किया जा सके। उन्होंने विभिन्न विभागों के प्रतिनिधियों से कार्यशाला से वापस जाकर जनपद स्तर पर एक समन्वय बैठक आयोजित करते हुए जनपद स्तर कार्ययोजना बनाने का सुझाव दिया। महिला एवं बाल विकास मंत्रालय द्वारा महिलाओं एवं बच्चों से संबंधित अपने सभी प्रमुख कार्यक्रम को दो प्रमुख अम्ब्रेला योजनाओं-मिशन शक्ति एवं मिशन वात्सल्य-के अंतर्गत वर्गीकृत किया गया है। दोनों योजनाओं का मुख्य लक्ष्य महिलाओ तथा बच्चों के सर्वांगीण विकास व उनके संरक्षण एवं सशक्तिकरण को सुनिश्चित किया जाना है। मिशन वात्सल्य का लक्ष्य है जोखिमपूर्ण एवं कठिन परिस्थितियों में रहने वाले बच्चों को आवश्यक सहायता उपलब्ध कराना। योजना के अंतर्गत नवाचार को और बढ़ावा देने पर बल दिया गया है। साथ ही महिलाओं एवं बालिकाओं की सुरक्षा, संरक्षण और सशक्तिकरण के उद्देश्य से मिशन शक्ति योजना शुरू की गई है, जिसके अंतर्गत विभिन्न विभागों के कन्र्वेजन्स के माध्यम से मिशन लक्ष्यों की प्राप्त किये जाने को महत्वता दी गई है।

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