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पुलिस पर लगा फर्जी एनकाउंटर करने का आरोप, मामले की शिकायत पर एसपी ने बैठाई जांच...

रिपोर्ट-जैगम हलीम


कौशाम्बी : जनपद में कड़ा धाम थाना पुलिस द्वारा फर्जी एनकाउंटर करने का मामला इन दिनों सुर्खियों में बना हुआ है वहीं पीड़ित परिवार द्वारा जारी किए गए सीसीटीवी कैमरे की वजह से अब पुलिस फंसती नज़र आ रही है, बीते दिनों कड़ा धाम थाना प्रभारी द्वारा एनकाउंटर दिखाकर चार जुआरियों को किया गिरफ्तार करके जेल भेजा गया था, अब वही गिरफ्तार करने वाली पुलिस टीम सीसीटीवी कैमरे की वजह से फंस गई है परिजनों ने पुलिस अधीक्षक बृजेश कुमार श्रीवास्तव के पास पहुंचकर कड़ा धाम थाना प्रभारी और उनके सिपाहियों पर फेंक एनकाउंटर करने का आरोप लगाकर शिकायत किया है, एसपी ब्रजेश कुमार श्रीवास्तव ने मामले में जांच के आदेश दे दिए हैं बताते चलें कि मामला कड़ा धाम थाना इलाके के गिरधरपुर गढ़ी गांव का है दरअसल 2 अक्टूबर को कड़ा धाम थाना पुलिस ने गिरधरपुर गढ़ी गांव में दबिश डालकर कथित मुठभेड़ के दौरान 4 जुआरियों को गिरफ्तार करने का दावा किया था थाना प्रभारी कड़ा धाम आशुतोष कुमार सिंह का आरोप था कि जुए की फड़ पर छापेमारी के दौरान जुआरियों ने पुलिस टीम पर फायरिंग करके देसी बम से हमला किया था हमले में पुलिसकर्मी बाल बाल बचे थे, पुलिस ने इस मामले में 11 नामजद 6 अज्ञात के खिलाफ पुलिस से मुठभेड़, विस्फोटक पदार्थ एवं सार्वजनिक जुआं अधिनियम समेत सुसंगत धाराओं में केस दर्ज कर मोबीन अहमद, मोहम्मद शोएब, बृजभूषण तिवारी, उमराज को अरेस्ट कर जेल भेज दिया था, वहीं इस मामले में मोबीन अहमद की पत्नी उजमा बेगम और शोएब के परिजन सीसीटीवी कैमरे की फुटेज लेकर एसपी ब्रजेश कुमार श्रीवास्तव के कार्यालय पहुंचे, उन्होंने एसपी को सीसीटीवी कैमरे की फुटेज दिखाते हुए बताया कि 30 सितंबर की रात 10:10 बजे एसओ आशुतोष कुमार सिंह हमराही सिपाहियों के साथ उसके घर पहुंचे थे और उसके पति को बल पूर्वक उठाकर थाने चले गए थे जब हम लोग सुबह थाने पहुंचे तो पुलिस ने हमे मिलने नही दिया, भलाबुरा कहकर हम लोगों को थाने से बाहर निकाल दिया था दोपहर बाद हम लोगो को पता चला कि जुए की फड़ पर पुलिस ने फेक एनकाउंटर दिखाकर मेरे पति मोबीन अहमद और मोहम्मद शोएब को जेल भेज दिया है, वहीं इस मामले में जब एसपी ब्रजेश कुमार श्रीवास्तव से बात की गई तो उन्होंने ऑफ रिकार्ड बताया कि मामले में प्रारंभिक जांच के आदेश दिए गए है उन्होंने आधिकारिक तौर पर कुछ भी बोलने से साफ मना कर दिया है वहीं पीड़ित महिलाओं द्वारा इस मामले में डीजीपी और मुख्यमंत्री को भी पत्र भेजकर दोषी पुलिस कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है ।

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