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आधुनिक व सशक्त भारत के बेजोड़ शिल्पी थे सरदार पटेल-प्रीतम पटेल...

रिपोर्ट- ईश्वर दीन साहू

प्रयागराज : जनपद में मनौरी के हरिश्चन्द्र गेस्ट हाउस में सरदार पटेल की 148 वीं जयंती बड़ी धूमधाम से समाज सेवियों ने मनाई। समाजसेवी प्रीतम पटेल के नेतृत्व में भारत रत्न लौह पुरुष अखंड भारत के निर्माता व आधुनिक भारत के शिल्पकार एकता की प्रतिमूर्ति भारत रत्न लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल जी की 148 वीं जयंती के अवसर पर उनके चित्र पर माल्यार्पण करने की बाद समाज सेवी प्रीतम पटेल ने सरदार पटेल जी के जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि आज भारत का जो नक्शा है वह सरदार पटेल की निर्भीकता निडरता  और अदम्य  साहस की बदौलत है। सरदार पटेल देश की एकता के सूत्रधार थे। आजाद भारत के प्रथम गृह मंत्री बनने के बाद देश की 563 छोटी बड़ी देसी रियासतों को भारतीय गणराज्य में शामिल करने की सबसे बड़ी चुनौती थी, जिसे सरदार पटेल जी ने बड़ी बखूबी से भारतीय रियासतों का विलय कराकर एक सशक्त भारत का निर्माण किया। भारतीय राजनीति के इतिहास में सरदार पटेल के योगदान को कभी बुलाया नहीं जा सकता सरदार पटेल आधुनिक भारत के राष्ट्रीय एकता के बिजोड़ शिल्पी थे। देश के विकास में सरदार पटेल का महत्व सदैव याद रखा जाएगा देश की आजादी के संघर्ष में उन्होंने जितना योगदान दिया उससे ज्यादा योगदान उन्होंने स्वतंत्र भारत के बाद एक मजबूत राष्ट्र में पिरोने का काम किया। भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन को वैचारिक एवं क्रियात्मक रूप में एक नई दिशा देने के कारण सरदार पटेल ने राजनीतिक इतिहास में गौरवपूर्ण स्थान प्राप्त किया था वास्तव में वे आधुनिक भारत के बेजोड़  शिल्पी थे। उनके कठोर व्यक्तित्व में संगठन कुशलता राजनीतिक तथा राष्ट्रीय एकता के प्रति अटूट निष्ठा थी उनके ईमानदारी के कारण विश्व के राजनीतिक मानचित्र में उन्होंने अनोखा स्थान बना लिया। भारतीय की स्वतंत्रता संग्राम में सरदार पटेल जी का महत्वपूर्ण योगदान रहा स्वतंत्र भारत के पहले तीन वर्ष सरदार पटेल देश में उप प्रधानमंत्री गृह मंत्री सूचना प्रसारण मंत्री रहे। इससे भी बढ़कर उनकी ख्याति भारत के छोटे बड़े  राजवाड़ों को शांतिपूर्ण तरीके से भारतीय संघ में शामिल करने तथा भारत की राजनीति के एकीकरण के कारण सरदार पटेल जी ने देश को आर्थिक राजनीतिक और भौगोलिक दृष्टि से मजबूत करने का काम किया। सरदार पटेल छुआछूत पाखंड और आडंबर के विरोधी थे उनका मानना था कि इन सब का सबसे बड़ा कारण अशिक्षा है, जब लोग शिक्षित होंगे तो सब बुराइयां अपने आप समाप्त हो जाएगी। छुआछूत देश की तरक्की में सबसे बड़ा बाधक है किसानों की समस्या को लेकर सरदार पटेल हमेशा चिंतित रहते थे उनका मानना था कि किसान को उनकी उपज का उचित मूल तभी मिल पाएगा जब कृषि को उद्योग का दर्जा मिले। सरदार पटेल चाहते थे की देश की सभी छोटी बड़ी नदियों को आपस में जोड़ा जाए जिससे कहीं बाढ़ और सूखा का सामना न करना पड़े। सरदार पटेल कहा करते थे कि देश की तरक्की को तीन चीजें बहुत जरूरी है। पहला अंकुरित बीज दूसरा चलता हुआ ट्रांसपोर्ट और तीसरा बहता हुआ जल।इस दौरान सम्भूनाथ पटेल, छत्रपाल सिंह पटेल, दीपक पटेल, रमेश कुमार रावत, सूरज पटेल, दिव्यांश पटेल, अशोक कुमार, राधे मोहन पटेल, कंचन सिंह, पिन्टू शनि आदि तमाम लोग समाजसेवी उपस्थित रहे।

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