ब्यूरो रिपोर्ट-सुरेश सिंह
जानकारों ने बताया कि मकसूद उल्ला ने किसानों के हित में अंग्रेजों की दमन कारी नीति का विरोध किया था जिसके चलते उन्हें महज 14 साल की उम्र में जेल भेज दिया गया था। उनके पिता स्वर्गीय एहसान उल्ला सिद्दीकी भी स्वतंत्रता सेनानी थे मकसूद उन्हीं की प्रेरणा से प्रभावित होकर स्वतंत्रता संग्राम की लड़ाई में कूदे थे उनके ऊपर नज़र बंद की कार्यवाही भी की गई थी। जानकार कहते हैं पूरामुफ्ती गांव के कई लोग उनके साथ चंद्रशेखर आजाद के दल के साथ जुड़कर कार्य कर रहे थे जो गुमनाम ही रह गए ।
पूरामुफ्ती थाना से अब उनके खिलाफ अंग्रेजी पुलिस द्वारा की गई कार्यवाही के अभिलेख भी देखरेख के आभाव में नष्ट हो गये है। वहीं क्षेत्र के जीवित रहे आखिरी स्वतंत्रता सेनानी मकसूद उल्ला सिद्दीकी के अचानक निधन से पूरे अहमदपुर पावन गांव में शोक की लहर दौड़ रही है, टीबी न्यूज़ मीडिया टीम की तरफ़ से पत्रकार जैगम हलीम ने उन्हें अंतिम विदाई के साथ श्रद्धांजलि अर्पित किया है ।
History facts swatantrata senani maksudulla Siddiqui angreji hukumat British government of India
0 Comments