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स्वतंत्रता सेनानी मकसूद उल्ला सिद्दीकी को दी गई अंतिम विदाई, प्रशासनिक अधिकारियों ने अर्पित किया पुष्पचक्र...

ब्यूरो रिपोर्ट-सुरेश सिंह 


प्रयागराज : आजादी के दीवानों में नाम शुमार स्वतंत्रता सेनानी मकसूद उल्ला सिद्दीकी का शनिवार 15 जून 2024 को इजाज के दौरान निधन हो गया था उन्होंने 96 साल की उम्र में अंतिम सांस ली। उनका जन्म 15 जून 1928 को ज़िले के अहमदपुर पावन गांव में हुआ था। रविवार के पूरे राष्ट्रीय सम्मान के साथ प्रशासनिक अधिकारियों की मौजूदगी में उन्हें तिरंगे में लपेटा गया, साथ ही पुलिस द्वारा सशस्त्र गार्ड ऑफ ऑनर की सलामी दी गई। सहायक पुलिस आयुक्त अरुण कुमार और थाना अध्यक्ष पूरामुफ्ती अजीत सिंह ने पुष्पचक्र अर्पित करके उन्हें अंतिम विदाई दी। जिसके बाद परिजनों द्वारा ग्रामीणों के साथ उन्हें ससम्मान गांव के ही कब्रिस्तान में सुपुर्द-ए-खाक कर दिया गया ।

जानकारों ने बताया कि मकसूद उल्ला ने किसानों के हित में अंग्रेजों की दमन कारी नीति का विरोध किया था जिसके चलते उन्हें महज 14 साल की उम्र में जेल भेज दिया गया था। उनके पिता स्वर्गीय एहसान उल्ला सिद्दीकी भी स्वतंत्रता सेनानी थे मकसूद उन्हीं की प्रेरणा से प्रभावित होकर स्वतंत्रता संग्राम की लड़ाई में कूदे थे उनके ऊपर नज़र बंद की कार्यवाही भी की गई थी। जानकार कहते हैं पूरामुफ्ती गांव के कई लोग उनके साथ चंद्रशेखर आजाद के दल के साथ जुड़कर कार्य कर रहे थे जो गुमनाम ही रह गए ।

पूरामुफ्ती थाना से अब उनके खिलाफ अंग्रेजी पुलिस द्वारा की गई कार्यवाही के अभिलेख भी देखरेख के आभाव में नष्ट हो गये है। वहीं क्षेत्र के जीवित रहे आखिरी स्वतंत्रता सेनानी मकसूद उल्ला सिद्दीकी के अचानक निधन से पूरे अहमदपुर पावन गांव में शोक की लहर दौड़ रही है, टीबी न्यूज़ मीडिया टीम की तरफ़ से पत्रकार जैगम हलीम ने उन्हें अंतिम विदाई के साथ श्रद्धांजलि अर्पित किया है ।
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