रिपोर्ट-देवेन्द्र कुमार द्विवेदी
कौशाम्बी : जनपद में नेवादा ब्लॉक के घूरी गाँव में बाढ़ की तरह फैल रही गंदगी और दूषित पानी ने गाँव वालों का जीवन नर्क बना दिया है। घरों का गंदा पानी सड़कों पर बह रहा है, और नालियाँ पूरी तरह से जाम हैं। मुर्गी फ़ार्म से उठती बदबू और हवा में घुलता ज़हर अब गाँव में महामारी बनकर फैल चुका है। इस गंभीर स्थिति के चलते अब तक 20-25 लोग इस रोग की चपेट में आ चुके हैं। दुखद रूप से 5 वर्षीय मासूम आर्यन पुत्र स्वर्गीय जय सिंह की इस बीमारी के कारण असमय मृत्यु हो गई। गाँव के शिव चंद्र का कहना है कि ग्राम प्रधान पवन यादव और सचिव जय सिंह से इस विकट समस्या के समाधान के लिए बार-बार निवेदन किया गया, किंतु किसी ने उनकी पुकार पर ध्यान नहीं दिया। नतीजतन यह बीमारी अब विकराल रूप धारण कर चुकी है। संक्रमण से पीड़ित लोगों में प्रमुख रूप से उर्मिला (20) पत्नी शिव सागर, नीशा (5) पुत्री अशोक, अंजू (12) पुत्री प्रकाश, सरिता (24) पत्नी जय सिंह, अनीषा (10) पुत्री अशोक, अंकिता (5) पुत्री सुनील, शकुंतला (40) पत्नी भैरव प्रसाद, दीपिका (3) पुत्री अमर सिंह, गुड़िया देवी (32) पत्नी अमर सिंह, सतरंजन (10) पुत्र राकेश कुमार, बचऊ लाल (60) पुत्र वीरे, अनीता (8) पुत्री अशोक, मोनिका (11) पुत्री मान सिंह आदि का नाम शामिल हैं ।
नेवादा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रमुख मुक्तेश द्विवेदी ने बताया कि मासूम आर्यन की मृत्यु उल्टी और दस्त के कारण एम्बुलेंस में ही हो गई। चिकित्सकों के अनुसार इस संक्रमण का मुख्य कारण गाँव के हैंडपंप का दूषित जल है जिसने भी इस हैंडपंप का पानी पिया और वह बीमार पड़ गया। स्वास्थ्य विभाग की टीम ने गाँव पहुंचकर पानी की सैंपलिंग की है और दवाओं का छिड़काव भी शुरू कर दिया गया है। दवाओं का वितरण जारी है परंतु गाँव वालों के चेहरों पर चिंता की गहरी लकीरें साफ दिखाई दे रही हैं ।
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