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दीक्षांत समारोह में कुल 151 विद्यार्थिंयों को 155 पदक तथा कुल 1,15,827 छात्र-छात्राओं को दी गयी उपाधि...

रिपोर्ट-ईश्वर दीन साहू


प्रयागराज : राज्यपाल उत्तर प्रदेश आनंदीबेन पटेल मंगलवार को प्रोफेसर राजेन्द्र सिंह रज्जू भैया विश्वविद्यालय में आयोजित सप्तम दीक्षांत समारोह कार्यक्रम में सम्मिलित हुई। राज्यपाल ने दीक्षांत समारोह कार्यक्रम का शुभारम्भ किया। इस अवसर पर राज्यपाल के द्वारा प्राथमिक विद्यालय के बच्चों को स्कूल बैग एवं अन्य उपहार सामाग्री का वितरण किया गया तथा आंगनबाड़ी केन्द्रों की कार्यकत्रियों को खेल का सामान व आंगनबाड़ी किट प्रदान किया गया। राज्यपाल ने विभिन्न विद्यालयों में करायी गयी प्रतियोगिताओं में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले बच्चों को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया। इसके साथ ही विभिन्न विद्यालयों में अच्छा कार्य करने वाले प्रधानाचार्यों को भी सम्मानित किया गया। राज्यपाल ने राष्ट्रीय खेलों में पदक प्राप्त करने वाले खिलाड़ियों को भी सम्मानित किया। इस अवसर पर आयोजित दीक्षांत समारोह में 151 विद्यार्थिंयों को कुल 155 पदक तथा स्नातक, परास्नातक एवं व्यवसायिक के विभिन्न पाठ्यक्रमों के कुल 1,15,827 छात्रों को उपाधियां दी गयी। राज्यपाल ने कहा कि पदक प्राप्त करने में छात्राओं का प्रतिशत दोगुने से अधिक है, जो बेटियों द्वारा की जा रही मेहनत एवं दृढ़ इच्छाशक्ति को प्रदर्शित करता है। मैं, आप सभी को हार्दिक बधाई देती हूँ। इस अवसर पर राज्यपाल ने विश्वविद्यालय के कैम्पस में वृक्षारोपण भी किया।  राज्यपाल ने कार्यक्रम में उपस्थित लोगो को सम्बोधित करते हुए कहा कि तीर्थनगरी प्रयागराज तथा संगम के पावन तट पर स्थित प्रोफेसर राजेन्द्र सिंह रज्जू भैया विश्वविद्यालय, प्रयागराज के सप्तम दीक्षान्त समारोह में आप सभी के मध्य उपस्थित होकर मुझे अपार प्रसन्नता का अनुभव हो रहा है। राज्यपाल ने कहा कि सभी पदक व उपाधि पाने वाले विद्यार्थियों को हार्दिक बधाई व शुभकामनाएं देती हूँ। मैं आपके माता-पिता, अध्यापकों और विश्वविद्यालय की टीम के सभी लोगों को भी बधाई देती हूँ। उन्होंने कहा कि बच्चों को संस्कार देने में माताओं का विशेष योगदान रहता है। माताएं अपने अनुभव से बच्चों का पालन पोषण करती है तथा बच्चों को संस्कारित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। कहा कि माताओं का सम्मान सबसे ज्यादा करना चाहिए। उन्होंने कहा कि बच्चों का संस्कार, कल्चर, व्यवहार, भाषा अच्छे ढंग से होना चाहिए, तभी इस मेडल का महत्व होगा। उन्होंने कहा कि हम इसलिए पढ़ते है कि हम पहले अच्छा नागरिक एवं इंसान बने तथा दूसरो को भी अच्छा इंसान बनाने का प्रयास करें। राज्यपाल ने विश्वविद्यालय की प्रगति के बारे में बताते हुए कहा कि तीन साल पहले यहां पर 6 पाठ्यक्रम चलते थे, परंतु आज इस विश्वविद्यालय में 28 पाठ्यक्रम चल रहे है। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय में 3 साल पहले केवल 200 विद्यार्थी थे, परंतु आज यहां पर 2 हजार 500 विद्यार्थी पढ़ रहे है। उन्होंने यह भी कहा कि हमें और प्रयास करना चाहिए आगे यहां पर 5 हजार विद्यार्थिंयों की संख्या होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि पहले यहां पर 2 संकाय थे अब यहां पर 7 संकाय चल रही हैं। कहा कि पहले विश्वविद्यालय में कोई प्रोजेक्ट नहीं था, परंतु आज यहां पर 18 प्रोजेक्ट चल रहा है। पहले महाविद्यालय की संख्या 565 थी, परंतु आज 703 महाविद्यालय है। पहले विश्वविद्यालय में बच्चों की संख्या 4 लाख 30 हजार थी, परंतु 5 लाख 35 हजार विद्यार्थी आज यहां पढ़ रहे है। उन्होंने कहा कि अभी और बच्चों की संख्या बढ़ाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि आज विश्वविद्यालय के कैम्पस में 35 भवन बन चुके है। मा0 राज्यपाल महोदया ने विश्वविद्यालय की निरंतर प्रगति के लिए सभी को बधाई दी। राज्यपाल ने कहा कि विश्वविद्यालय के लिए केन्द्र व राज्य सरकार से जो भी बजट प्राप्त हो रहे है, उसका उपयोग बच्चों के कल्याण के लिए होना चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रति वर्ष बजट बढ़ाया जा रहा है। इसका उपयोग नए-नए प्रोजेक्ट बनाने में किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार, राज्य सरकार के साथ-साथ यूजीसी के द्वारा भी बजट उपलब्ध कराया जाता है। उन्होंने कहा कि आप सभी को ऐसा प्रयास करना चाहिए कि विश्वविद्यालय को A+ की श्रेणी प्राप्त हो सके। उन्होंने कहा कि सरकार युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए प्रतिवर्ष 1 लाख विद्यार्थिंयों को 10 लाख रूपये ब्याज से मुक्त ऋण उपलब्ध करा रही है, जिससे युवा अपना स्वरोजगार शुरू कर सकते है। इसके अलावा अगले 5 वर्षों में 1 करोड़ विद्यार्थिंयों को प्रधानमंत्री इंटर्नशिप योजना के तहत देश की शीर्ष कम्पनियों में काम करने का अवसर मिलेगा। इसके अलावा माडल कौशल ऋण योजना के तहत 25 हजार विद्यार्थिंयों को प्रतिवर्ष 7.5 लाख रूपये ऋण उपलब्ध कराये जाने की सुविधा प्रदान की गयी है। उन्होंने कहा कि बच्चों को इसरो में जाने के लिए प्रेरित करना चाहिए। राज्यपाल ने कहा कि विद्यार्थिंयों की सुविधा के लिए डीजी लॉकर में अंक तालिकाओं, डिग्रियों को अपलोड़ किए जाने की व्यवस्था से विद्यार्थिंयों को अत्यधिक सुविधा मिल रही है। उन्होंने समर्थ पोर्टल व्यवस्था की महत्ता के बारे में भी बताया। राज्यपाल ने कहा कि पानी का स्तर दिन प्रतिदिन दिन नीचे जा रहा है। हम सभी को पानी की एक एक बूंद को बचाना चाहिए, जितने पानी की उपयोगिता हो, उतना ही पानी उपयोग करें। कहा कि हम सभी संकल्प लें कि एक बूंद भी पानी व्यर्थ नहीं करेंगे। उन्होंने कहा कि लड़कियों को सशक्त बनाना चाहिए। गर्भवती माताओं को पोषणयुक्त भोजन दिया जाना चाहिए, जिससे कि पैदा होने वाले बच्चे स्वस्थ हो। कहा कि अन्न के महत्व को समझना चाहिए, अन्न बर्बाद नहीं करना चाहिए। राज्यपाल ने कहा कि कोई भी बच्चा स्कूल जाने से वंचित न होने पाये। बेसिक शिक्षा पर विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए। राज्यपाल ने कहा कि यहां पर कुछ माह पश्चात् ही प्रयागराज में महाकुम्भ मेले 2025 का आयोजन होना है, मैं इसके लिये समस्त प्रयागराज वासियों को शुभेच्छाएं देती हूँ कि आप इस भव्य एवं दिव्य आयोजन के साक्षी बने और पुण्य कमायें। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय द्वारा जिला प्रशासन फतेहपुर के साथ संयुक्त रूप से आंगनबाड़ियों के उपयोगार्थ 250 किट प्रदान की गयी हैं। आपका यह योगदान आगनबाड़ियों को समर्थ बनाने के महायज्ञ में एक आहूति के समान है। इसका लाभ देश को मजबूत पीढ़ी के रूप में समाज को मिलेगा।राज्यपाल ने अंत में उपाधि प्राप्त करने वाले सभी विद्यार्थियों को बधाई देते हुए कहा कि मैं आशा करती हूँ कि आप सब कर्मयोगी की भांति अग्रसर होते हुए अपने परिवार, समाज और देश की प्रतिष्ठा को नई ऊंचाइयों तक ले जायेंगे। इसके साथ ही मैं विश्वविद्यालय की उत्तरोत्तर प्रगति की कामना करती हूँ। इस अवसर पर मुख्य अतिथि ए0एस0 किरन कुमार ने कहा कि हमें रज्जू भैया की तरह धैर्यवान, जिम्मेदार, संवेदनशील व सबका सम्मान करने वाला व्यक्ति बनना चाहिए। उनके बताये हुए मार्ग पर चलते हुए इस राष्ट्र को सर्वोपरि मानना होगा। हमारा सूत्र यह होना चाहिए की हमारे लिए सबसे सर्वोपरि राष्ट्र, फिर समाज, फिर परिवार व व्यक्ति होना चाहिए। हमें समाज ने जो दिया है या समाज से जो लिया है, उससे हम समाज की कितनी सेवा कर सकते है, राष्ट्र के प्रति पूर्ण समर्पण, लगन, परिश्रम से हम क्या कर सकते है, यही राष्ट्र की सेवा है। उन्होंने कहा कि आज प्रदेश में सर्वाधिक रैंक प्राप्त विश्वविद्यालय हो गये है। ये विश्वविद्यालय अन्तर्राष्ट्रीय स्तर के ग्रेडिंग वाले विश्वविद्यालय की ओर बढ़ रहा है। यही कारण है कि आज उत्तर प्रदेश धीरे-धीरे देश की शिक्षा का हब बन रहा है। इस अवसर पर मंत्री, उच्च शिक्षा विभाग योगेन्द्र उपााध्याय ने कहा कि इस विश्वविद्यालय से कौशाम्बी, प्रतापगढ़ और फतेहपुर के कुल 780 महाविद्यालय सम्बद्ध हैं। वर्तमान में लगभग 6 संकाय के अंतर्गत 27 विभाग संचालित है। यह जानकर हमें अपार हर्ष हो रहा है कि विज्ञान संकाय के अन्तर्गत भौतिक विज्ञान, रसायन विज्ञान, गणित, बायोटेक एवं विधि संकाय के अन्तर्गत बीए एलएलबी, वाणिज्य संकाय के अन्तर्गत एमबीए के पाठ्यक्रम प्रारम्भ कर दिए गए है। उन्होंने कहा कि नेल्सन मंडेला ने कहा है कि शिक्षा एक ऐसा हथियार है, जो दुनिया बलदने की शक्ति रखता है। केन्द्र सरकार ने रोजगार रूपी शिक्षा का संकल्प लिया है ।

राज्यपाल के मार्गदर्शन एवं मा0 मुख्यमंत्री जी के नेतृत्व में प्रदेश की सरकार शिक्षा के क्षेत्र में बेहतर कार्य कर रही है। नई शिक्षा नीति-2020 रोजगार परक है, जिसमें कौशल विकास से लेकर प्रौद्योगिकी, तकनीकी ज्ञान को शामिल किया गया है, जिसके अन्तर्गत पठन-पाठन के कार्य में विशेष बदलाव हुआ है। उन्होंने कहा कि मुझे पूर्ण विश्वास है कि नई शिक्षा नीति के क्रियान्वयन से प्रदेश के अधिक से अधिक युवाओं को रोजगार मिलेगा। जीवन में आगे बढ़ने और सफलता प्राप्त करने के लिए बेहतर शिक्षा सभी के लिए आवश्यक है। शिक्षा हमारे आत्मविश्वास को विकसित करने के साथ-साथ हमारे व्यक्तित्व का निर्माण करने में भी सहायता करती है। उन्होंने कहा कि स्वामी विवेकानंद जी ने कहा था कि हमें ऐसी शिक्षा चाहिए, जिससे चारित्रिक, मानसिक एवं बौद्धिक विकास हो और मनुष्य अपने पैरो पर खड़ा हो सके। प्रयागराज ने स्वतंत्रता आंदोलन में अग्रणी भूमिका निभाई थी। यह भारत का सबसे जीवंत व राजनैतिक रूप से जागरूक और आध्यात्मिक रूप से जागृत शहर है। उन्होंने छात्रों से कहा कि आप सब अपने जीवन में दृढ़ता एवं कड़ी मेहनत एवं प्रतिबद्धता से अपने लक्ष्यों व उद्देश्यों को प्राप्त कर एक उज्ज्वल भविष्य का निर्माण करें। कहा कि आप लोग बड़े लक्ष्य की ओर चल चुके है जब तक आपको आपके लक्ष्य की प्राप्ति न हो जाये, तब तक आपको निरंतर अपना प्रयास जारी रखने की जरूरत है। इस अवसर पर कार्यक्रम के प्रारम्भ में विश्वविद्यालय के कुलपति डॉक्टर अखिलेश कुमार सिंह ने माननीय राज्यपाल महोदया सहित सभी अतिथियों का स्वागत करते हुए विश्वविद्यालय में चल रहे कार्यक्रमों एवं विश्वविद्यालय की प्रगति के बारे में विस्तार से जानकारी दी। इस अवसर पर विधायक कोरांव राजमणि कोल, विधान परिषद सदस्य सुरेन्द्र चौधरी, डॉक्टर केपी श्रीवास्तव सहित वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारीगणों के अलावा विश्वविद्यालय के प्राध्यापकगण तथा के उपाधि प्राप्त करने वाले छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे ।

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