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जिलाधिकारी ने की जिला स्वास्थ्य समिति की समीक्षा बैठक...

रिपोर्ट- ईश्वर दीन साहू


कौशाम्बी :  जिलाधिकारी मधुसूदन हुल्गी द्वारा उदयन सभागार में सम्बन्धित अधिकारियों के साथ जिला स्वास्थ्य समिति की समीक्षा बैठक की गई। बैठक में जिलाधिकारी ने परिवार कल्याण कार्यक्रमों की समीक्षा के दौरान प्रभारी चिकित्साधिकारियों से कहा कि कार्ययोजना बनाकर लक्ष्य के सापेक्ष प्रगति सुनिश्चित किया जाय। उन्होंने एएनसी रजिस्ट्रेशन की समीक्षा के दौरान सभी प्रभारी चिकित्साधिकारियों को गर्भवती महिलाओं की एएनसी चेकअप पर विशेष ध्यान देने के निर्देश दियें।जिलाधिकारी ने जननी सुरक्षा योजना की समीक्षा के दौरान सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र-सिराथू एवं कड़ा में गर्भवती महिलाओं का एएनसी रजिस्ट्रेशन कम पाये जाने पर कड़ी नाराजगी प्रकट करते हुए 100 प्रतिशत प्रगति सुनिश्चित करने के निर्देश दियें। उन्होंने सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र-सिराथू एवं मूरतगंज में अन्य सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों के सापेक्ष संस्थागत प्रसव कम पाये जाने पर नाराजगी प्रकट करते हुए सम्बन्धित प्रभारी चिकित्साधिकारियों से कहा कि आशाओं एवं एएनएम के साथ नियमित बैठक कर आवश्यक कार्यवाही सुनिश्चित करते हुए संस्थागत प्रसव पर विशेष ध्यान दिया जाय। इसके साथ ही उन्होंने सभी प्रभारी चिकित्साधिकारियों से कहा कि किसी भी सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में संस्थागत प्रसव 75 प्रतिशत से कम नहीं होना चाहिए, कम पाये जाने पर सम्बन्धित प्रभारी चिकित्साधिकारी एवं बीपीएम को कारण बताओ नोटिस जारी की जायेंगी। बीपीएम नेवादा द्वारा कार्यों में लापरावाही बरतते हुए पाये जाने पर जिलाधिकारी ने एक दिन का वेतन रोकने के निर्देश दियें। उन्होंने जननी सुरक्षा योजना के तहत सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र कड़ा एवं सराय अकिल में लाभार्थियों के भुगतान में अपेक्षित प्रगति न पाये जाने पर नाराजगी प्रकट करते हुए प्रगति लाने के निर्देश देते हुए कहा कि आगामी बैठक में बीपीएम का कार्य ठीक न पाये जाने पर कार्यवाही की जायेंगी।जिलाधिकारी ने माह जुलाई के सापेक्ष माह अगस्त में सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र-चायल एवं कड़ा की अपेक्षा प्राइवेट अस्पतालों में प्रसव की संख्या ज्यादा पाये जाने पर नाराजगी प्रकट करते हुए आशा एवं ऑगनबाड़ी कार्यकत्रियों द्वारा गर्भवती महिलाओं को प्रेरित कर सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रां में ज्यादा से ज्यादा प्रसव करवाने के निर्देश दियें। उन्होंने जननी शिशु सुरक्षा कार्यक्रम की समीक्षा के दौरान कहा कि प्रसूता को निर्धारित समयावधि 48 घण्टें तक अस्पताल में रोका जाय तथा लाभार्थियों को दी जाने वाली भोजन की गुणवत्ता पर विशेष ध्यान दिया जाय। मातृ मृत्यु सूचना एवं आडिट की समीक्षा के दौरान मुख्य चिकित्साधिकारी द्वारा बताया गया कि मातृ मृत्यु की जो भी सूचनायें प्राप्त हुई हैं, उससे मातृ मृत्यु किन कारणों से हुई है, प्रभारी चिकित्साधिकारियों द्वारा जॉच कराकर इसकी सूचना आपको उपलब्ध करा दी जायेंगी। उन्होंने सभी प्रभारी चिकित्साधिकारियों को सभी विकास खण्डों के स्वास्थ्य केन्द्रों का निरीक्षण कर पायी गई कमियां को दूर कराते हुए रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दियें। उन्होंने प्रभारी चिकित्साधिकारियों से कहा कि किस सब सेन्टर पर प्रसव केन्द्र की सुविधा उपलब्ध होनी चाहिए, उस सब सेन्टर को चिहिन्त कर आख्या उपलब्ध करायी जाय, जिससे सब सेन्टर को प्रसव केन्द्र बनाया जा सकें। उन्होंने राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम की समीक्षा के दौरान कहा कि आरबीएसके टीम का रोस्टर उन्हें उपलब्ध कराया जाय तथा जनपद के दूरस्थ विद्यालय/ऑगनबाड़ी केन्द्रों पर जायें, इस भ्रमण की सूचना जिला बेसिक शिक्षाधिकारी एवं जिला कार्यक्रम अधिकारी/सीडीपीओ को दी जाय। उन्होंने नियमित टीकाकरण की समीक्षा के दौरान सभी प्रभारी चिकित्साधिकारियों से कहा कि आशा एवं एएनएम के साथ नियमित रूप से बैठक कर टीकाकरण की प्रगति की समीक्षा की जाय तथा आशा एवं एएनएम के माध्यम से लोगों को जागरूक किया जाय कि वे अपने बच्चों को टीका अवश्य लगवायें। बैठक में बताया गया कि आयुष्मान भारत योजना के तहत माह-अगस्त 2024 तक 691084 लक्ष्य के सापेक्ष अब तक कुल 525694 गोल्डेन कार्ड बनाये जा चुकें हैं। बैठक में बताया गया कि प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान के तहत जिला चिकित्सालय तथा सामुदायिक/प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर  हाईरिस्क चिहिन्त गर्भवती महिलाओं को घर से अस्पताल तक लाने की परिवहन सुविधा उपलब्ध करायी जाती है। आवश्यक जॉचे, हीमोग्लोबिन अति न्यून होने पर खून चढ़ाने की सुविधा, उपचार के बाद घर तक जाने के लिए परिवहन की सुविधा एवं अति जोखिम ग्रस्त महिलाओं के लिए एनएनएम व आशा द्वारा विशेष फॉलो-अप किया जाता है। जिलाधिकारी ने राष्ट्रीय शहरी स्वास्थ्य मिशन, राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम, राष्ट्रीय अन्धता निवारण कार्यक्रम, पुनरीक्षित क्षय रोग नियन्त्रण कार्यक्रम, राष्ट्रीय कुष्ठ रोग कार्यक्रम आदि की भी विस्तृत समीक्षा कर आवश्यक दिशा-निर्देश दियें। इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी अजीत कुमार श्रीवास्तव, मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ0 संजय कुमार एवं सीएमएस सुनील कुमार शुक्ला सहित अन्य सम्बन्धित अधिकारीगण उपस्थित रहें।

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