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भारत की पहली महिला जासूस नीरा आर्या, जिनकों अंग्रेजों ने दी जेल में अमानवीय यातनाएं...

ब्यूरो रिपोर्ट-सुरेश सिंह 


लखनऊ : भारत की आज़ादी की लड़ाई में कई ऐसे वीरों ने अपने प्राणों की आहुति दी है, जिनके बारे में आज कम ही लोग जानते हैं। ऐसी ही एक साहसी महिला थीं नीरा आर्या, जिन्हें भारत की पहली महिला जासूस कहा जाता है। नीरा आर्या का जन्म 1902 में आंध्र प्रदेश के एक साधारण परिवार में हुआ। उन्होंने अपनी देशभक्ति और साहस का प्रदर्शन नेताजी सुभाष चंद्र बोस की आज़ाद हिंद फ़ौज के लिए जासूस बनकर किया। नीरा ने अपने ही पति ब्रिटिश सेना के अधिकारी श्रीकांत जयरंजन दास को देशद्रोह के लिए मार डाला था। जयरंजन नेता जी सुभाष चन्द्र बोस को गोली मारने वाले थे तभी नीरा आर्य ने उन्हें पहचान लिया और हमले से पहले ही अपने पति को मार गिराया था। उनके पति अंग्रेज अफसरों के बेहद करीब थे अंग्रेजों ने उन्हें सुभाष चन्द्र बोस को मारने की जिम्मेदारी दे रखी थी ।

जयरंजन एक सीआईडी अफसर थे और भेस बदलने में माहिर थे लेकिन पत्नी मीरा आर्य की नजरों से नही बच सके। अंग्रेजों में नीरा को एक सरकारी अधिकारी की हत्या के जुर्म में गिरफ्तार करके अंडमान निकोबार की जेल कालापानी में भेज दिया। जहां पर उनके साथ अंग्रेजों ने बहुत जुल्म डाये। आजादी की इस लड़ाई में नीरा आर्या को ब्रिटिश हुकूमत ने अमानवीय यातनाएं दीं, उन्हें नंगा करके पीटा गया, कीलो पर सुलाया गया यहां तक कि अंग्रेज जेलर के आदेश पर उनके स्तनों को काट दिया गया लेकिन उन्होंने कभी हार नहीं मानी। नेता जी सुभाष चन्द्र बोस की हर योजना और उनके बारे में पूछे जाने पर अंग्रेजों को कभी कुछ नहीं बताया । 

उन्होंने अपने जीवन को पूरी तरह से देश के लिए समर्पित कर दिया। नीरा आर्या की वीरता और बलिदान को आज भी इतिहास में एक महान अध्याय के रूप में याद किया जाता है। वह भारत की वो अनसुनी नायिका हैं जिन्होंने स्वतंत्रता संग्राम में अपनी विशेष भूमिका निभाई थी। भारत की आज़ादी में नीरा आर्या जैसी अनगिनत नायिकाओं का योगदान कभी नहीं भूला जा सकता है। ऐसी ही ऐतिहासिक खबरों के लिए टीबी न्यूज़ को इंस्टाग्राम फेसबुक और यूट्यूब पर फॉलो करें ।
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