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महिला पुलिस कर्मियों का रेप करने वाला गिरफ्तार, पुलिस कांस्टेबल बनकर करता था ठगी...

रिपोर्ट-प्रिंस मिश्रा 


बरेली : यूपी में  एक गज़ब मामला सामने आया है जहां एक आठवीं पास फर्जी कॉन्स्टेबल ने आधा दर्जन महिला सिपाहियों से शादी का झांसा देकर उनका रेप किया। वो महिला सिपाहियों की पोस्टिंग की जानकारी पुलिस वेबसाइट से जुटाता था और फिर उनसे बातचीत करता था। शादी का झांसा देकर मोटी रकम भी वसूल लेता था फिलहाल पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। मिली जानकारी के अनुसार बरेली में 8वीं पास फर्जी सिपाही को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। वह वर्मा सरनेम की महिला सिपाहियों को अपने प्रेम जाल में फंसाता था। उनसे कहता-तुम भी वर्मा हो, मैं भी एक ही बिरादरी के लोग हैं, एक-दूसरे का साथ नहीं देंगे क्या। मैं तुम्हारे प्रमोशन करवा दूंगा। महिला सिपाही को अपने झांसे में लेता। प्रपोज करता। शादी का झांसा देकर होटल में ले जाकर रेप करता था। उसने 10 महिला कॉन्स्टेबल के साथ रेप किया। जिनसे उसने करीब 36 लाख रुपए वसूले है। आरोपी के विरुद्ध 4 महिला कांस्टेबल एफआईआर दर्ज करा चुकी हैं। लगभग पांच साल से वह अयोध्या, श्रावस्ती, लखीमपुर, कानपुर और बरेली की महिला पुलिसकर्मियों को टारगेट कर रहा था। पुलिस को राजन के फोन से खाकी वर्दी में फर्जी पासिंग आउट परेड के फोटो भी मिले हैं। वह पेठा बेचकर एक एसओजी सिपाही के संपर्क में आया था। पहले सिपाही भर्ती के नाम पर खुद ठगी का शिकार हुआ। इसके बाद फर्जी सिपाही बनकर खुद ठगी करने लगा। उसने 1200 रुपए में पुलिस की फर्जी वर्दी भी सिलवाई थी ।

वहीं एसपी सिटी राहुल भाटी ने बताया राजन वर्मा के खिलाफ अलग अलग जिलों में 4 महिला पुलिसकर्मियों ने एफआईआर दर्ज कराई है। 6 महिला सिपाहियों ने लोक लाज के डर से शिकायत नही की। अभियुक्त ने पूछताछ करने पर बताया गया कि उसने अपने शहर लखीमपुर खीरी में पेठा बनाने की फैक्ट्री लगाई थी, फैक्ट्री का माल वह अयोध्या में सप्लाई करता था। अयोध्या में अभियुक्त की मुलाकात सुनील गुप्ता नाम के पुलिस वाले से हुई, जो अपने आप को एसओजी में बताता था, मुझे विश्वास में लेकर पुलिस में भर्ती कराने के नाम पर 5 लाख रुपये लिये और सुनील गुप्ता के साथ रहने लगा। दो-तीन माह सुनील गुप्ता ने इसको वेतन के रुप में पैसा दिया, फिर इसको पैसा देना बन्द कर दिया, तब इसके द्वारा अयोध्या पुलिस में शिकायत की गई। जिसके बाद इसको कुछ पैसा वापिस मिल गया। सुनील गुप्ता और अन्य पुलिसवालों के साथ पुलिस लाइन में रहकर यह पुलिस के बारे में बहुत कुछ जान गया था, तब इसने अपने आप को पुलिस में बताते हुए एक महिला आरक्षी से शादी की, जब उसे पता चला कि यह 8वीं पास है और बेरोजगार है तो महिला आरक्षी ने दूरी बनानी शुरू कर दी। इसके बाद इसने उत्तर-प्रदेश पुलिस की बेवसाइट के माध्यम से ऐसी महिला आरक्षी से दोस्ती करनी शुरू कर दी जिनके नाम के आगे वर्मा लगा हो जो जाति के आधार पर इस पर भरोसा करने लगे ।

इस क्रम में अभियुक्त राजन वर्मा उपरोक्त के द्वारा एक महिला आरक्षी जोकि जनपद बरेली में तैनात है, के सम्पर्क में आया। और उसे अपने विश्वास में लेकर कि पुलिस में हूँ अविवाहित हूँ एवं बरेली आकर शादी की बात करते हुए कई बार शारीरिक सम्बन्ध बनाये। महिला आरक्षी/पीड़िता को झांसे में लेकर 6,30,000 रुपये का पर्सनल लोन लखनऊ में प्लॉट लेने के लिए कराया, महिला आरक्षी से समय-समय पर अपनी समस्या बताकर पैसे लेता रहा। अभियुक्त के द्वारा उक्त महिला आरक्षी से आधार कार्ड और पैन कार्ड की छायाप्रति लखनऊ में प्लॉट दिलाने, खाता खुलवाने के नाम पर लेकर, पे-स्लिप आदि प्राप्त कर फाइनेन्सर से सांठगांठ कर महिला आरक्षी/पीड़िता के नाम पर एक गाड़ी एमजी हेक्टर UP 31 CA 0198 बैंक आफ बडौदा के माध्यम से 23,50,000 रुपये का लोन प्राप्त किया गया। जब महिला पुलिस के खाते से लोन की किस्त कटने लगी तो इसे पता चला। जिसके बाद उसने एफआईआर दर्ज कराई। उसी पर कार्यवाही करते हुए पुलिस ने आरोपी फर्जी पुलिस कांस्टेबल राजन वर्मा को गिरफ्तार कर लिया ।


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