रिपोर्ट- ईश्वर दीन साहू
प्रयागराज : संगम तट जनवरी 2025 में लगने जा रहे आस्था के सबसे बड़े समागम महाकुंभ का काउंट डाउन शुरू हो गया है। महाकुंभ में दिव्य, भव्य और सुरक्षित स्वरूप देने के लिए सुरक्षा एजेंसियों ने अपनी तैयारियों को और रफ्तार देना शुरू कर दिया है। पुलिस ने अपना रोड मैप धरातल लिए रिजर्व पुलिस लाइन के निर्माण की प्रक्रिया शुरू कर दी है।प्रयागराज महाकुंभ में इस बार 41 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं और पर्यटकों के पहुंचने का प्रशासन का अनुमान है। आगंतुकों की यह संख्या को देखते हुए उनकी सुरक्षा कुंभ मेला प्रशासन के लिए बड़ी चुनौती होगी। इसके लिए कुंभ मेला पुलिस ने अपनी तैयारियों को और तेज कर दिया है। सुरक्षा का रोड मैप तैयार करने के लिए रिजर्व पुलिस लाइन की स्थापना के लिए परेड ग्राउंड में सोमवार को भूमि पूजन की प्रक्रिया संपन्न हुई। सभी तेरह अखाड़ों के प्रतिनिधियों की माजूदगी में भूमि पूजन का अनुष्ठान पूरा किया गया। कुंभ मेला अधिकारी विजय किरण आनंद कहा कि 4.67 लाख वर्ग फीट में कुंभ मेला के लिए रिजर्व पुलिस लाइन का निर्माण किया जा रहा है। कुंभ मेला में यातायात व्यवस्था, भीड़ प्रबंधन और सॉफ्ट स्किल की ट्रेनिंग यहां पर दी जाएगी। पुलिस अधिकारियों के मुताबिक कुंभ मेला क्षेत्र में तीन पुलिस लाइन बनेगी। इनमे बैरक, अर्दली रूम, आदेश कक्ष, परेड, प्रशिक्षण केंद्र आदि बनाए जाएंगे। इस बार महाकुंभ का क्षेत्रफल बढ़ाया गया है। जिसे देखते हुए यहां इस बार सुरक्षा व्यवस्था भी बढ़ाई जा रही है। कुंभ मेला क्षेत्र में इस बार 60 हजार से अधिक पुलिसकर्मी तैनात होंगे। 56 पुलिस स्टेशन और 155 पुलिस चौकियां बनाई जाएंगी। पुलिस कमिश्नर प्रयागराज तरुण गाबा ने बताया कि पुलिस कर्मियों को सॉफ्ट स्किल का प्रशिक्षण भी दिया जाएगा ताकि महाकुंभ में आने वाले श्रद्धालुओं के साथ उनका बर्ताव मित्रवत रहे। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और ड्रोन के लिए अलग से यहां प्रशिक्षण शिविर चलाए जाएंगे। संगम किनारे 45 दिनों तक चलने वाले आस्था के सबसे बड़े धार्मिक समागम में श्रद्धालुओं और पर्यटकों के भीड़ प्रबंधन, यातायात प्रबंधन और जल-थल की मजबूत सुरक्षा व्यवस्था के विभिन्न आयामों पर यहां रणनीति बनेगी इस अवसर पर एडीजी भानु भास्कर, पुलिस कमिश्नर तरूण गाबा, आईजी प्रेम गौतम, मेला अधिकारी विजय किरन आनंद, डीआईजी पीएसी जोन प्रयागराज डा0 राजीव नारायण मिश्र एसएसपी कुंभ मेला राजेश द्विवेदी के अलावा सभी तेरह अखाड़ों के प्रमुख प्रतिनिधि भी मौजूद रहे।
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