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एंटी करप्शन ने ट्रैफिक दरोगा को किया गिरफ्तार, ट्रक मालिक से पांच हजार ले रहा था रिश्वत...

ब्यूरो रिपोर्ट-सुरेश सिंह 


कौशाम्बी : जनपद में एंटी करप्शन प्रयागराज की टीम ने मंगलवार को पश्चिम शरीरा तिराहे से यातायात प्रभारी टीएसआई कमलेश पांडेय को पांच हजार रुपये रिश्वत लेते गिरफ्तार कर लिया। टीएसआई को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। पश्चिम शरीरा के नागचौरी का पूरा निवासी ट्रक मालिक सत्यम कुमार ने आरोप लगाया कि यातायात प्रभारी के पद पर तैनात उप निरीक्षक कमलेश कुमार पांडेय उनसे 20 हजार रुपये प्रतिमाह की दर से तय रकम की साप्ताहिक सुविधा शुल्क लेता है। सुविधा शुल्क नहीं देने पर वाहन सीज करने की धमकी देता है। 10 अक्टूबर को सत्यम ने भ्रष्टाचार निवारण संगठन की प्रयागराज इकाई से मामले की शिकायत की। जिसके बाद मंगलवार को दोपहर एक बजे टीम पश्चिम शरीरा तिराहे पर पहुंची। जहां पहले से मौजूद सत्यम ने रुपये देने के बहाने टीएसआई कमलेश पांडेय को बुलाया। कुछ देर बाद टीएसआई पहुंचा तो उसके हाथ में पांच हजार रुपये पकड़ा दिया। रुपये जेब में रखते ही एंटी करप्शन की टीम ने उसे गिरफ्तार कर लिया। एंटी करप्शन के प्रभारी ट्रैप टीम निरीक्षक सुरेंद्र सिंह यादव, निरीक्षक रविंद्र कुमार, राजेश कुमार ने कौशाम्बी थाने में आरोपित यातायात प्रभारी के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज कराया है। एसपी बृजेश कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि आरोपित उपनिरीक्षक को निलंबित कर दिया गया है। बतादें कि ट्रक मालिक से घूस के पांच हजार रुपये लेने के लिए रिश्वतखोर दरोगा कमलेश कुमार पांडेय बार-बार अपनी जगह बदल रहा था। करीब तीन घंटे से घात लगाए बैठी एंटी करप्शन टीम ने आखिरकार पश्चिमशरीरा कस्बे से उसे करीब डेढ़ बजे उसे गिरफ्तार किया ।

एंटी करप्शन के सूत्रों के अनुसार, ट्रक मालिक से शिकायत मिलने के बाद टीम मंगलवार सुबह करीब नौ बजे जिलाधिकारी कार्यालय पहुंच गई। यहां से अपने साथ दो सरकारी कर्मचारियों को लेने के लिए करीब एक घंटे तक इंतजार करना पड़ा। सरकारी कर्मचारियों के टीम शामिल होने पर शिकायतकर्ता से मुलाकात कराई गई। इसके बाद योजनाबद्ध तरीके से ट्रक मालिक सत्यम ने यातायात प्रभारी कमलेश कुमार पांडेय को फोन पर बताया कि उसके पास सप्ताहिक किस्त के रूप में पांच हजार रुपये आ गए हैं, जिसे वह देना चाह रहा है। इस पर दरोगा ने मंझनपुर स्थित ओसा चौराहे के पास बुलाया। लेकिन अचानक यहां से उसने जगह बदल दी और फिर एक अन्य जगह बुलाया। हालांकि इसके बाद थोड़ी ही देर में पश्चिमशरीरा कस्बे में बुला लिया। टीएसआई को रंगे हाथ आरोपी को पकड़ने के लिए एंटी करप्शन के इंस्पेक्टर समेत कुल 12 पुलिसकर्मियों ने घात लगाई थी। इनमें अधिकतर पुलिसकर्मी सादी वर्दी में थे। दोपहर करीब डेढ़ बजे पश्चिमशरीरा कस्बे में जैसे ही शिकायतकर्ता ने रिश्वत के पांच हजार रुपये दरोगा को पकड़ाए तो उसने तुरंत जेब में रख लिए ।

तभी टीम ने आरोपी को पकड़ लिया। जानकारी के अनुसार कौशाम्बी में यमुना से बालू और गि‌ट्टी का परिवहन होता है। सीजन के दिनों में इस रूट से रोजाना तीन से चार सौ गाड़ियां गुजरती हैं। वहीं ऑफ सीजन में इनकी संख्या घटकर महज 40 से 50 रह जाती है। दरोगा शिकायतकर्ता से हर माह 20 हजार रुपये की वसूली करता था। ऐसे में सवाल है कि आखिरकार किसकी मिलीभगत से दरोगा हर माह पैसा लेता था। सूत्रों ने बताया कि इसमें कई और अधिकारियों की भूमिका सामने आ सकती है। बहरहाल बुधवार को टीम वाराणसी स्थित एंटी करप्शन कोर्ट में आरोपी को पेश करेगी ।


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