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स्वास्थ्य व्यवस्था को मटियामेट कर रहे जिम्मेदार, 100 बेड के अस्पताल में रत्ती भर नहीं मिलता इलाज...

रिपोर्ट-राजकुमार


प्रयागराज : जनपद में भगवतपुर स्थित सरदार वल्लभ भाई पटेल के नाम पर बना 100 बेड का अस्पताल भ्रष्टाचार की भेट चढ़ रहा है। इस अस्पताल में 2 बजे के बाद मरीजों को रत्ती भर इलाज नहीं मिलता सभी जगहों पर ताला जड़ा हुआ दिखाई देता है। मरीज इधर - उधर भटकते रहते हैं उसके बाद प्राइवेट अस्पताल का सहारा लेते हैं तब तक अधिकांश मरीजों की सही समय पर उचित इलाज न मिल पाने के कारण मौत भी हो जाती है। योगी सरकार प्रयागराज में बेहतर स्वास्थ्य व्यवस्था कायम करने के लिए खजाने का पिटारा खोल कर रख दिया है और उस खजाने को लूटने में प्रयागराज सीएमओ कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं। योगी सरकार आम जनता की सेवा के लिए दो वर्षों पूर्व भगवतपुर में 100 बेड का अस्पताल समर्पित कर दिया। भ्रष्टाचार के आकंठ में डूबे प्रयागराज सीएमओ योगी सरकार के मंसूबे पर पानी फेरने में लगे हैं ।

योगी सरकार के मंसूबे पर पानी फेरने वाले प्रयागराज सीएमओ को बर्खास्त कर आम जनता के बीच बेहतर स्वास्थ्य व्यवस्था की मिशाल योगी सरकार के अधीनस्थ अधिकारीयों को कायम करना होगा। भाजपा सरकार के विधायक और मंत्री चुनावी मंच पर चढ़कर जोर - जोर से गला फाड़कर भ्रष्टाचार मुक्त शासन व्यवस्था का दावा करते हैं लेकिन वह कभी भी जमीनी हकीकत का आकलन नहीं करते हैं।चुनावी मंच से भ्रष्टाचार मुक्त शासन व्यवस्था का दम्भ भरने वाले विधायक और मंत्री प्रयागराज जनपद की स्वास्थ्य व्यवस्था की गोपनीय जाँच करा ले तो उनका दावा खोखला और हवा हवाई साबित होना तय है। भ्रष्ट सीएमओ के खिलाफ योगी सरकार कड़ा एक्सन लेकर प्रयागराज जनपद में बेहतर स्वास्थ्य व्यवस्था कायम करना अति आवश्यक हो गया है ।

प्रयागराज के मुख्य चिकित्सा अधिकारी की बात करें तो वह भ्रष्टाचार में इस कदर से लिप्त हैं कि पूरे जनपद में स्वास्थ्य व्यवस्था चौपट हो चुकी है। सीएचसी, पीएचसी, न्यू पीएचसी, उप स्वास्थ्य केंद्रों की स्वास्थ्य व्यवस्था बदहाल हो चुकी है जिसका अंदाजा गोपनीय जाँच कराकर लगाया जा सकता है। खास बात तो यह है कि भगवतपुर मे 100 बेड का अस्पताल होने के बावजूद इस अस्पताल से पांच किलो मीटर के दायरे में दो दर्जन से अधिक अवैध तरीके से मानक विहीन अस्पताल का संचालन हो रहा है ।

जिसमें 100 बेड अस्पताल के चिकित्सक मरीजों का इलाज करते हुए देखे जाते हैं जिस पर प्रयागराज सीएमओ आंख मूँद कर बैठे हुए हैं। 100 बेड अस्पताल से पांच किलो मीटर के दायरे में संचालित हो रहे अस्पतालों की जाँच सही तरीके से हो जाए तो दूसरे दिन सभी अस्पतालों पर प्रशासन का ताला लटकता हुआ दिखाई देगा।

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