ब्यूरो रिपोर्ट-सुरेश सिंह
कौशाम्बी : जनपद में चकबंदी कार्यालय में विवादित भूमि विवादों में हेरा फेरी के मामले सामने अक्सर आते रहते हैं इन मामलों में अधिकतर पैसे के लेनदेन की बात सामने आ जाती है। जिसमें चकबंदी अधिकारियों कर्मचारियों की मनसा पर प्रश्न चिन्ह खड़े हो जाते हैं। ऐसा ही एक भूमि वाद विवाद का मामला चायल तहसील क्षेत्र के मखऊपुर गांव से सामने आ रहा है। जहां पीड़ित राम औतार पुत्र मसुरियादीन एक दलित गरीब किसान है। पीड़ित का आरोप है कि मौजा मखऊपुर परगना तहसील चायल जनपद कौशाम्बी की आराजी संख्या 392 रकबा 0.28700 के सहसंक्रमणीय भूमिधर काबिज और दखील है। पीड़ित को उक्त आराजी पर चकबन्दी अधिकारियों द्वारा लगभग 70 वर्षों से पक्की सड़क से लगाकर कब्जा दिया गया है। जिस पर वह अपने सम्पूर्ण रकबे पर जोत-बोकर अपना भरण-पोषण करता रहा है। अब भी उक्त रकबे पर धान की फसल लगा रखा है।
पीड़ित की आराजी संख्या 392 के बगल में आराजी संख्या 390 है जिस पर चकबन्दी अधिकारियों और चकबन्दी लेखपाल द्वारा ग्राम के लोगों से सांठगांठ करके उनके नाम आराजी संख्या 390 को 390/976 और 390 मीटर बनाकर उनके नाम खतौनी पर नाम दर्ज करवा दिया गया है। पीड़ित ने बताया कि 390/976 पर बनाये गये खतौनी के कास्तकारों को आये दिन परेशान करते है कि यह भूमि हमारी है इस भूमि पर जो धान की फसल लगा रखे हो उसे काट लो और जल्द से जल्द इस भूमि से बेदखल हो जाओ, नहीं तो हम तुम्हे अपने तरीके से हटायेंगे। आरोप है कि उक्त लोग आराजी संख्या 390/976 पर किसी अन्य व्यक्ति शैलेन्द्र कुमार यादव पुत्र सुबेदार यादव को फर्जी तरीके से एग्रीमेन्ट कराकर पीड़ित की भूमि को खाली करवा रहे है।
इस मामले के वाद विवाद में चकबन्दी लेखपाल दीपक पटेल पीड़ित किसान को बुलाकर धमकी देते हैं कि तुरन्त फसल काटकर खेत को खली कर दो। उक्त लेखपाल पीड़ित की भूमि पर अन्य लोगों को कब्जा देने के फिराक में लगा हुआ है। चकबंदी कार्यालय में फैसला पीड़ित किसान के पक्ष में देने के लिए उससे 70000 रुपये की मांग की जा रही है। चकबंदी लेखपाल द्वारा सांठगांठ बनाकर उसकी आराजित भूमि पर दबंग व्यक्तियों द्वारा कब्जा कराया जा रहा है। जिससे परेशान होकर पीड़ित ने मामले की शिकायत डाक पत्र द्वारा सूबे के मुखिया मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से किया है।
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