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भारत की संस्कृति और परंपराएँ: एक विविधता में एकता की मिसाल...

रिपोर्ट - रितेश सिंह

भाषाओं की विविधता...

लखनऊ :- भारत में 22 से अधिक आधिकारिक भाषाएँ और सैकड़ों बोलियाँ बोली जाती हैं। हर क्षेत्र की अपनी भाषा, बोली और उच्चारण शैली है, जो देश को सांस्कृतिक रूप से समृद्ध बनाती है।

त्योहारों का देश...

भारत में हर धर्म और क्षेत्र के त्योहार बड़ी धूमधाम से मनाए जाते हैं। दिवाली, ईद, होली, बैसाखी, पोंगल, क्रिसमस – सभी त्यौहार आपसी प्रेम और सौहार्द का संदेश देते हैं।

परंपरागत पहनावा...

भारत के हर राज्य का अपना परंपरागत पहनावा है। जैसे पंजाब का पंजाबी सूट, बंगाल की साड़ी, राजस्थान का घाघरा-चोली, और दक्षिण भारत की कांजीवरम साड़ियाँ – ये सभी हमारी सांस्कृतिक विविधता को दर्शाते हैं।

भोजन की विविधता...

उत्तर से दक्षिण और पूर्व से पश्चिम तक, भारत का खानपान हर राज्य में अलग है। दाल-बाटी, डोसा, बिरयानी, लिट्टी-चोखा, सरसों का साग और मक्के की रोटी – यह सब भारत की खानपान परंपरा को खास बनाते हैं।

लोक नृत्य और संगीत...

भारत में कथक, भरतनाट्यम, कुचिपुड़ी, गरबा, भांगड़ा जैसे पारंपरिक नृत्य हैं। लोकसंगीत और शास्त्रीय संगीत दोनों ही भारत की संस्कृति को जीवंत बनाते हैं।

संस्कृति में एकता: इतनी विविधताओं के बावजूद भारत एक सूत्र में बंधा है। यह विविधता में एकता की मिसाल है, जो भारत को दुनिया के अन्य देशों से अलग बनाती है। भारत की संस्कृति और परंपराएँ हमारी पहचान हैं। इन्हें समझना और संरक्षित रखना हर भारतीय का कर्तव्य है। TB News ऐसे सांस्कृतिक पहलुओं को आपके सामने लाता रहेगा।

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